जीवन प्रक्रिया
(Life Processes)
जब हम एक धीमी गति से चलती चींटी और एक तेज गति से चलती हुई कार को देखते हैं, तो हम कहते हैं कि चींटी एक जीव है लेकिन कार एक निर्जीव वस्तु है। इससे पता चलता है कि जीव को केवल गतिशीलता से नहीं पहचाना जा सकता।
एक पेड़ वर्षों तक एक ही स्थान पर स्थिर रहता है और इसके पास निर्मित इलेक्ट्रिक पोल (Electric pole) या घर (चित्र A) वर्षों तक एक ही स्थान पर स्थिर रहता है, लेकिन पेड़, जीव और घर या इलेक्ट्रिक पोल को निर्जीव कहते हैं। लेकिन क्यों? जिन्हें हम जीव कहते हैं, उनमें कुछ विशेषताएं होती हैं जिनके द्वारा उन्हें निर्जीव से अलग किया जा सकता है।
जीवन की सरल परिभाषा अभी भी अज्ञात है (Life defies
simple definition): वैज्ञानिकों ने कई दृष्टिकोण से जीवन को परिभाषित करने की कोशिश की है। लेकिन आज भी एक सर्वव्यापी परिभाषा विकसित करना संभव नहीं हो पाया है। वस्तुतः जीव में पाई जाने वाली अलग-अलग विशेषताओं के परिपेक्ष्य में जीवन की परिभाषा देखी जा सकती है।
जीव क्या है? (What is living organism?): जो कोशिका से बने (cellular) हों, उपापचय (metabolism) में सक्षम हों और प्रजनन द्वारा (reproduction) वंशवृद्धि कर सकें उन्हें जीव कहा जाता है।
यहां यह महत्वपूर्ण बात है कि जीव का निर्माण जीव से ही होता है लेकिन प्रथम जीव की उत्पत्ति कैसे हुई यह अभी भी अज्ञात है।
वायरस एक जीव क्यों नहीं है? वायरस (Virus) का कोशिकीय शरीर नहीं है और कोई भी उपापचय क्रिया का प्रदर्शन नहीं करता है। लेकिन वायरस ‘जीवित पोषक कोशिका’ (Living host cell) के अंदर पुनः उत्पन्न हो सकता है जो जीवित जीव का लक्षण है। यही कारण है कि वायरस को निर्जीव और सजीव के बीच की कड़ी कहा जाता है।
जैव प्रक्रम या जीवन प्रक्रियायें (Life Processes): सभी जीव जीवित रहते हुए कुछ मूलभूत कार्य करते हैं। शरीर के अन्दर गतिविधियों को बनाए रखने के लिए इन प्रक्रियाओं की जरूरत होती है। कुछ प्रक्रियाएं हर समय और कुछ प्रक्रियाएं समय-समय पर आवश्यक होती हैं। इन प्रक्रियाओं को जैव प्रक्रम या जीवन प्रक्रियायें कहते हैं। हम इस वर्ग में कु छ प्रक्रियाओं का अध्ययन करेंगे जैसे- पोषण, श्वसन, परिवहन और उत्सर्जन।